Saturday, April 23, 2011

"MAA KI MAMTA"

                                         माँ की ममता
जीवन पथ पर
दुश्वारियों की चटक धूप
जब पग रोंके
ममता का वह झीना आँचल
याद आ रहा है माँ|
तू याद आ रही है माँ|
             भूंख के आने से पहले
             आ जाती है
             तेरी सूरत
             हाँथ सहलाये सर
             खाने से पहले 
             सब याद आ रहा है माँ|
            तू याद आ रही है माँ| (सुशील अवस्थी "राजन")

Wednesday, April 20, 2011

"CHIKITSA PARYTAN BHARAT ME...?

                                             चिकित्सा पर्यटन भारत में 
              अमरीकी राष्ट्रपति बराक हुसैन ओबामा ने अपने देशवासियों से कहा है कि सस्ते इलाज के लिए भारत न जाएँ अमरीकी नागरिक|कारण... भारत ठीक-ठाक धन कमा रहा है,अमेरिकियों को सस्ती लेकिन बेहतरीन चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध कराके|जानकार कहते हैं कि आनेवाले दिनों में भारत चिकित्सा पर्यटन का केंद्र बन सकता है|अमरीका अपने नागरिकों के लिए भारत से रोजगार जुटाने के लिए तो तैयार है,लेकिन भारतीय नागरिक अमरीका से कुछ कमा लें तो उसे दिक्कत होती है|इससे पहले ओबामा  एच-१बी वीजा ,और हेल्थ केयर बिल  को मंजूरी देकर भारत और भारतीयों को जोरदार झटका दे चुके हैं|अब भारत में इलाज न करवाने की बात कहकर उन्होंने जता दिया है कि वह और उनकी सरकार भारत और भारतीयों को किस नजर से देखती है|
             वैसे आम भारतीय यह जानकर  हैरान है कि अपने नागरिकों को बमुश्किल चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध करा पा रहा अपना हिंदुस्तान,दुनिया का इलाज कर पा रहा है|ओबामा जी ज्यादा परेशान होने की जरुरत नहीं,जिस दिन आपके नागरिकों का सामना लखनऊ के चिकित्सा विश्वविदयालय के सरकारी डाक्टरों से हुआ,उस दिन के बाद कोई अमरीकी भारत इलाज कराने नहीं आयेगा|जुबान पर गंदी गलियां,हांथों से मारपीट करने के लिए हमेशा तैयार,ऐसे डाक्टरों से इलाज करा रहा आम भारतीय,आपके नागरिकों की सेवा में सुसभ्य व सस्ते डाक्टर उपलब्ध करा रहा है,शायद यह बात आपको नहीं पता?अब क्या कष्ट है?बताइए न ओबामा जी ...?

Tuesday, April 19, 2011

"BHARAT BHAVYA BANANA HAI"

         बड़ी ख़ुशी होती है भारत को अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर सम्मानित होते हुए देख कर|विश्व बिरादरी में भारत का कद दिन बा दिन बढ़ता ही जा रहा है|इस बढ़ते कद के पीछे है हमारी तेज़ी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था|वह अर्थव्यवस्था जिसे कदम कदम पर "सबल भ्रष्टों" से दो चार होना पड़ रहा है|
        मै कभी कभी सोंचता हूँ कि क्या भारत पहली बार सम्पन्नता का सामना करने जा रहा है|हम पहले भी तो संपन्न थे,जब सारी दुनिया हमें सोने की चिड़िया कहकर संबोधित करती थी, लेकिन हम बहुत दिनों तक गुलामी की जंजीरों में जकड़े रहे|क्यों........?क्या फिर से सम्पन्नता हांसिल करने से पूर्व हमें चिंतन की आवश्यकता नहीं कि कैसे इस सम्म्पनता को चिर-स्थाई बनाये रखा जाय|पुरानी गलतियों से सबक लेने की जरुरत है|
         अभी हमें याद है कि कैसे हमारी सामाजिक टूटन का लाभ उठाकर दुनिया के लुटेरों ने हमें लूटा था|हमें आपस में लड़ाकर हमारा धन लूटने वालों का दोष नहीं,दोष तो हमारा था कि हम उनकी आसान सी रणनीति नहीं समझ सके|जब आपके पास धन होता है तो डकैतों का आना तो तय है|डकैत का तो काम ही है रूप बदल कर छल कपट के द्वारा बलात धनिक का धन लूटना|कुछ इतिहासकार अभी भी डकैतों को ही सारा दोष दे रहें हैं|
          सच्चाई तो यही है कि हम तब भी ब्राम्हण -ठाकुर,हिन्दू- मुस्लिम,ऊंच-नींच, में बंटे थे  और आज भी बंटे हैं|कल हमें अंग्रेज लूटते थे,आज भारतीय अंग्रेज़|विदेशी अंग्रेजों से कई गुना ज्यादा नुकसानदायक और खतरनाक हैं ये भारतीय अँगरेज़|इनसे लड़ने के लिए हमें फिर से आजादी की लडाई छेड़ने की जरुरत है|गाँधी की जगह अन्ना चाहिए|हथियार की जगह वोट को बतौर हथियार इस्तेमाल करना होगा| न  खून न खराबा,न देश के लिए मरना|सिर्फ देश के लिए जीना सीखने की जरुरत है|जब आप देश के लिए जीना सीख जायेंगे,तब ही देश महफूज़ रह सकेगा|

Sunday, April 17, 2011

"JAI HANUMAN..JAI JAI HANUMAN"

आज हनुमान जयंती है,आप सभी को मारुती नंदन के जन्मदिन की हार्दिक बधाई|
प्रभु हनुमान की एक बात यदि हम अपने जीवन में उतार सकें,तो हमारा जीवन भी क्लेश और दोष मुक्त हो जाय|मान-सम्मान पाने की उत्कट अभिलाषा का हनन|जरा सा किसी के द्वारा आदर न दिए  जाने पर हम कितने लाल पीले हो जाते हैं|लेकिन हनुमान जी ने बड़े बड़े काम करने के बाद भी कभी मान की अभिलाषा नहीं की|हनुमान शब्द ही दो शब्दों से मिलकर बना है हनु और मान अर्थात मान सम्मान पाने की अभिलाषा का हनन|क्या इस हनुमान जयंती पर हम अपने आराध्य के जीवन दर्शन से कुछ सीखने की कोशिश करेंगे ?या फिर लकीर के फ़कीर बने रहना चाहेंगे,और लड्डू,मंदिर,धक्का-मुक्की से ही मारुती नंदन को रिझाने की कोशिश में लगे रहेंगे| तय करिए न ......
हनुमान भक्त -
सुशील अवस्थी "राजन" 

Saturday, April 16, 2011

"LOG JO MERE AAS-PAS HAIN"

                                रिशिका (१५ महीना) मेरी प्यारी बिटिया  
 श्री प्रमोद बाजपेई जी सदस्य प्रदेश कार्यसमिति भाजपा, सदैव हमारे प्रेरणा श्रोत रहे हैं| "बैसवारा टाइल्स" के नाम से इनकी इंटर लिंकिंग व मोल्ड की फैक्ट्री है|स्वभाव से एक नेक व्यक्ति हर मदद मांगने वाले को अधिकांशतः इनसे मदद मिल ही जाती है|पर कई लोग मदद लेकर भूल गए,और वो आज सार्वजानिक जीवन में सफल लोगों में शुमार हैं|कोई एहसान  माने या न माने हर संभव मदद को आज भी तैयार| 
धर्मपत्नी श्री प्रमोद बाजपेई जी,मेरी भाभी ..  
                                      मम सुपुत्र मास्टर रिषभ १० वर्ष, कक्षा-५,बहुत शैतान,
              संदीप कान्त "राजन" अध्यक्ष लखनऊ महानगर व्यापार मंडल, हमेशा दोस्ती निभायी|
स्वदेश कुमार कोरी राष्ट्रीय अध्यक्ष हमारा दल, पहले कांग्रेस में प्रदेश प्रवक्ता थे,अब अपनी पार्टी हमारा दल को बढ़ाने में लगे हैं|पता नहीं क्यों मुझे लगता है वे एक दिन जरुर सफल होंगे|उनकी बातों में गजब की प्रेरणा शक्ति है|जो कहतें हैं कर गुजरते हैं| इनकी पार्टी में सदस्य बनिए न | संपर्क करिए 9415017577 
 
भाई देवेन्द्र सिंह लखनऊ में मेरे सबसे पुराने मित्र,बुलंदशहर निवासी, शांत,सरल,उदार|
   राहुल त्रिपाठी, छात्र एम काम, बछरावां दयानंद डिग्री कालेज, रायबरेली, दोस्त जैसा भतीजा | 

Friday, April 15, 2011

"BABA RAMDEV" KAHENGE.. BHAIYA "VOTE DEV"

 "वोट देव"  कहेंगे बाबा "राम देव"
                 आने वाले दिनों में बाबा रामदेव यदि आपसे वोट मांगते हुए दिख जाय तो आश्चर्य न करियेगा|राष्ट्रवादी मोर्चे के गठन की घोषणा  बाद ये सब होना ही है|गोविन्दाचार्य को इस मोर्चे का संयोजक बनाया गया है|माना जा रहा है कि बाबा का मोर्चा आनेवाले 2012 के यू.पी विधान सभा चुनावो में माया से मोर्चा लेने के मूड में है|देखना दिलचस्प होगा कि जिन माया की माया मुलायम, राजनाथ, सोनिया,राहुल, न समझ सके उनसे बाबा कि फ़ौज कैसे निपटेगी|
                 वैसे बाबा की राजनीतिक पारी का इंतजार उत्तर प्रदेश की जनता बेशब्री से कर रही है| जानकारों का कहना है कि मुलायम से सत्ता लेकर यू.पी. की जनता ने माया को बुलाया था,ताकि कानून व्यवस्था की स्थिति सुद्रढ़ की जा सके. लेकिन इसबार की माया की पारी काफी फीकी रही|जनता मुलायम को फिर से बुलाने के मूड में नहीं है|कांग्रेस के पक्ष में जनता जा रही थी,लेकिन भ्रष्टाचार की अखिल भारतीय श्रंखला की कड़ियाँ खुलने से जनता कांग्रेस को अपनाने की मुद्रा का परित्याग कर चुकी है|अगर कोई नया विकल्प न दिखा तो जनता मज़बूरी में सपा का दामन थाम सकती है|पर बाबा के आने से मामला कुछ और ही होगा|आओ बाबा आओ यू पी की सरजमी पर आपका हार्दिक स्वागत है|वैसे भी बाबा का सपना प्रधानमंत्री की सीट है,ऐसा लोग कहते हैं|बहन जी का भी सपना बाबा के ही सपने जैसा  है,बाबा जी जरा संभाल के...|कहते हैं कि प्रधानमंत्री के पद का रास्ता यूपी की पगडंडियों से ही होकर जाता है|

Thursday, April 14, 2011

"BADAL GAYA HAI LUCKNOW"

         
                                                     बदल गया है लखनऊ  
लखनऊ,14 अप्रैल, अगर आप कई सालों पहले कभी लखनऊ आयें हों, तो यकीन मानिये नवाबों के इस शहर लखनऊ को अब आप कतई नहीं पहचान सकेंगे| क्योंकि इधर ३-४ सालों में शहर की रंगत बदल चुकी है| एअरपोर्ट से शहर की तरफ बढ़ते ही आलमबाग के अवध हॉस्पिटल चौराहे से ही बदले लखनऊ की बानगी मिलनी शुरू हो जाती है| vip रोड के किनारे -किनारे विकसित किये गए बुद्ध विहार उपवन की सुन्दरता निहारने से पहले आपका स्वागत एक अतिविशाल द्वार से होगा,जिसका निर्माण अभी प्रगति पर है| दाहिनी तरफ बुद्ध विहार की चहार-दिवाली समाप्त होने से पहले बांयी तरफ एक भव्य इमारत का गुम्बद आपका ध्यान बरबस ही अपनी ओर  आकर्षित कर लेगा| यह गुम्बद बसपा संस्थापक कांशीराम का स्मारक है| गुम्बद के ही पीछे एक विशाल ईको पार्क का निर्माण करीब-करीब संपन्न हो रहा है| इसी सड़क पर चलते हुए आप प्रसिद्द अम्बेडकर पार्क का भी नज़ारा ले सकते हैं| जो की गोमती नगर में स्थित है| कांशीराम स्मारक चौराहे से बांये न जाकर यदि आप दाहिनी तरफ रुख करें,तो बंगला बाज़ार पार करते ही दाहिनी तरफ एक विशाल मैदान और मैदान के कुछ हिस्सों में दलित महापुरुषों की मूर्तियों का दीदार आप जिस स्थान पर कर रहे हैं,वह स्मृति उपवन के नाम से जाना जाता है,यहीं पर लखनऊ महोत्सव व दशहरे के मेले का आयोजन होता आ रहा है| आगे बढ़ने पर बहुत ही बड़ा  मैदान रमा बाई अम्बेडकर मैदान है,जहाँ राजनैतिक पार्टियों की रैलियां आयोजित होती हैं| जिसके बारे में कहा जाता है की इसको भरने की कूबत सिर्फ मायावती में ही है| छोटे छोटे और भी कई पार्क व मूर्तियाँ हैं जो आपका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करेंगे ही| इन सारे बदलावों का श्रेय उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती को ही जाता है| क्योंकि जबसे उन्होंने मुख्यमंत्री का पद संभाला है,तभी से राजधानी को निखारने का कार्य शुरू हुआ है|
           हालाँकि विरोधी उनके इस काम पर शुरुआत से ही आपत्तियां जताते आ रहे हैं| भाजपा प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक कहते हैं "सिर्फ भवनों पार्कों मूर्तियों के निर्माण से शहर सुन्दर नहीं हो जाते हैं| अच्छा होता मायावती जी दलित महापुरुषों के आदर्शों का अनुकरण करती न की सिर्फ मूर्तियाँ खडी करती| प्रदेश कार्यसमिति सदस्य भाजपा प्रमोद बाजपई  कहते हैं  सिर्फ एअरपोर्ट से लेकर कालिदास मार्ग तक के रास्ते को चमका देने से न पूरा शहर विकसित होता है, और ना ही प्रदेश| सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी कहते हैं मायावती को यही नहीं मालूम है की खेतों की पैदावार बढ़ाना जरुरी है या मूर्तियों पार्को का निर्माण| विधान परिषद् सदस्य अरविन्द त्रिपाठी "गुड्डू" का मानना है की बहन जी ने शहर को एक ऐतिहासिक रूप दिया है,जिसे आने वाली पीढियां युगों-युगों तक याद करेंगी|
             कोइ कुछ भी कहे लखनऊ को एक नई पहचान मिल रही है,आप जब भी राजधानी आइये,नए लखनऊ का दीदार जरुर करिए|       (सुशील अवस्थी "राजन")